अकेले रहना बेहतर है, या दूसरों के साथ?
दोनों में कुछ पता चलता है।
जब किसी के साथ हो, तो तुम्हें पता चलता है कि तुम्हारे मन की क्या दशा होती है। जब कोई सामने आता है, परख हो जाती है न। नहीं तो तुम अपने बारे में कल्पनाएँ ही करते रहते हो। पर जब कोई सामने आता है तो हाथ कंगन को आरसी क्या? सारे भेद खुल जाते हैं।
तुमने अपने बारे में बड़ी कल्पना रख सकते हो कि मुझ जैसा शूरवीर कोई दूसरा नहीं है। मान रहे हो बिलकुल कि — हम…