अकेले चलने में डरता क्यों हूँ?
मैं एक चित्र देख रहा था जिसमें एक बड़ा हाथी एक पतली-सी रस्सी से, पतली-सी टहनी से बँधा हुआ दिखाया गया था। मैं उसको देर तक देखता रहा, फिर मैंने कहा, “ये हम ही तो हैं!” जानते हो होता क्या है? जब ये हाथी बच्चा था तब उसको उस रस्सी से, उस टहनी से बाँधा गया था। तब वो नहीं भाग पाया। तब उसने कोशिश करी थी एक दिन, दो दिन, दो हफ्ते, चार हफ्ते, तब उसको ये भ्रम हो गया कि शायद यही जीवन है, शायद ऐसे ही जीया जाता है, शायद इससे कोई छुटकारा ही नहीं है। और…