अकेलापन क्यों महसूस होता है?

जब हम अकेलेपन की बात कर रहे हैं तो किसकी बात कर रहे हैं?

शरीर?

शरीर कैसे अकेला हो जाएगा? तुम्हें दिखाई पड़ रहा है कितने करोड़ जीवाणु अभी शरीर पर चिपके हुए हैं? चलो! शरीर से तुम धो भी दो, तुम्हें पता है तुम्हारी आंतों में कितने करोड़ जीवाणु निवास करते हैं? तुम पूरा एक शहर हो, एक देश हो। तुम्हारे भीतर करोड़ों की जनसंख्या बैठी हुई है, तुम अकेले कहाँ से हो गए? शरीर कैसे अकेला हो जाएगा…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org